अनुदित कविताएँ
अनुवाद कंचन लता जायसवाल
कंचन लता जायसवाल |
हजारों सालों में कुछ भी शेष नहीं बचेगा
वह सब
कुछ
जो
इस
शताब्दी में
लिखा जा
चुका है।
वे ढीले वाक्यों,खो
चुकी स्त्रियों के
चिन्हों,
गतिहीन बच्चों के हिस्सों को पढेंगे।
बस तुम्हारी मंद
हरी
आंखें
मौजूद नहीं होंगी।
यह यूनानी पौराणिक कथाओं की तरह होगा
लेकिन फिर
भी
बहुत अलग।
जैसे जाड़े में
समन्दर के
किनारे
किसी दूसरे आश्चर्य, किसी दूसरे उदासियों के
लिए।
राबर्टो बोलानो
अब तुम अकेले....
अब तुम बार्सिलोना के घाटों के साथ
अकेले टहलते हो।
तुम एक ब्लैक सिगरेट पीते हो और
एक क्षण के लिए सोचते हो, अगर बारिश होती
तो कितना अच्छा होता।
ईश्वर ने तुम्हें धन नहीं दिया है
लेकिन उन्होंने तुम्हें अनोखी इच्छा शक्ति दी है।
ऊपर देखो
बारिश हो रही है।
राबर्टो बोलानो
विधवाओं के बारे मे...
विधवाओं, त्याग दिए गए लोगों, बुजुर्गों,
विकलांगों, विक्षिप्तों के बारे में लिखते हुए।
महान युद्धों और
महान कारोबारों के
पीछे
जिससे यह
संसार चलता है- वहीं ये
भी
हैं।
रोजमर्रा के जीवन जीते हुए, कर्जे लेते हुए,
नन्हे लाल
धब्बों को
पढते हुए
हमारे शहरों के,
हमारे खेलों के,
हमारे गीतों के।
राबर्टो बोलान्यो
अकेलापन
क्या यह तुम्हे खुश करता है कि मैं प्रथम पुरुष मे लिखता हूँ।
क्या यह तुम्हें खुश करता है कि मैं कभी कभी कहता हूँ
कि अगले सौ सालों में हम बिल्कुल अकेले होंगे।
मैं तुम्हारे बारे में
कुछ नहीं जानता हूँ सिवाय इसके कि
तुम मेरी बहन हो।
बारियोगाटिको* के ठंडे घरों में
कभी कभी बारिश की आवाज सुनते हुए
या चूमते हुए
या दर्पण के सामने चेहरे बनाते हुए।
राबर्टो बोलान्यो
दुःस्वप्न की शुरुआत वहाँ से होती है.....
दुःस्वप्न की शुरुआत वहीं से होती है, ठीक वहीं से।
आगे की, ऊपर नीचे, सब कुछ दुःस्वप्न के हिस्से हैं।
उस अस्थि कलश से अपने हाथ मत सटाओ।
उस नरकीय गुलदस्ते से अपने हाथ मत सटाओ।
उस जगह जहाँ दुःस्वप्न की शुरुआत होती है और वहां
तुम कुछ भी करते हो वह तुम्हारी पीठ पर कूबड़ की तरह उगेगा।
दूर रहो, उस गोल घेरे के चारों तरफ लटके मत रहो।
यदि तुम्हें अपने प्रेमी के पंखुड़ियों जैसे होंठ दिखाई दे,
यदि तुम्हें फूलों जैसी पलकें दिखाई दे,
तुम भूल जाना चाहते हो या वापिस जाना चाहते हो।
दूररहो।
इन्हीं
गलतियों के चारों तरफ दौडो़ मत।
एक ऊंगली भी मत उठाओ।
मेरा
भरोसा करो,
उस जगह जो केवल एक चीज उगती है
वह दुःस्वप्न है।
राबर्टो बोलान्यो
परिचय
कंचन लता जायसवाल
प्रधानाध्यापक प्राइमरी शिक्षा मे.
विभिन्न पत्रिकाओं में कविता एंव कहानियां प्रकाशित. यथा,- कथाक्रम, रेवान्त,स्वतंत्रता पत्रिका ।
राजनीति शास्त्र में ph.d.
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं की भूमिका विषय पर.
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